मिलावट से परेशान हुए समाज सेवक प्रा.राहुल जी. गौर ने भारतीय खाद्य उत्पादन विभाग को पत्र लिख हर बस्ती में की फूड टेस्टिंग सेंटर खोलने की मांग की हैं..!
नागपुर (वि.प्र.) - हमेशा समाजसेवा मे लिप्त कुछ जागरुक नागरिक सरकार को अलग हटके सोचने कर देते है मजबूर,ऐसे ही भोई समाज पंच कमेटी के सचिव एवं भोई समाज सेना महाराष्ट्र प्रदेश विदर्भ अध्यक्ष व्यवसाय से शिक्षक प्रा.राहुल जी. गौर ने खाद्य पदार्थ में मिलावट से तंग आकर अपनी सेहत व संपूर्ण भारत के नागरिकों के सेहत के लिए सरकार को पत्र द्वारा दिया यूनिक आईडिया। जैसे हर चौराहे पर शरीर की बीमारी का कारण ढूंढने पैथोलॉजी क्लिनिक होती है, वैसे ही खाद्य पदार्थ में बड़ रहे मिलावट को रोकने हर बस्ती चौराहे पर फूड टेस्टिंग सेंटर खुले ताकी अपना खून पसीना बहाकर कमाए पैसों से खरेदी जानेवाली खाने पीने की बनावटी चीज पहचानी जाए और जो शुद्ध चीज है सिर्फ उसका सेवन कर अपने शरीर को बीमारियों से बचाया जाए।। आज हर घर में बड़ते रोगों को रोकने के लिए ऐसा कदम उठाना बहुत जरूरी है। इंसान रातदिन खून पसीना बहाकर मर मर के पैसे कमाता है और कमाए पैसों से शरीर को अच्छा रखने पौष्टिक चीजे खरीद कर खाता है। परंतु जिसे वो पौष्टिक समझकर खाता है, वास्तविक्ता में वो शरीर के लिए धीमे जहर होते है। इसलिए जब हजारों रुपये खर्च कर लोग खाद्य पदार्थ खरीदते है,तो कुछ पैसे खर्च कर उस अनाज की शुद्धता को फूड टेस्टिंग सेंटर से टेस्ट करवाकर देख सकते है। यदि किसी खाद्य पदार्थ में मिलावत मिलती है,तो उस चीज को बेचनेवाले दुकानदार व कंपनी पर कारवाई कर इस गंभीर मिलावट के धंदे को रोका जा सकता है।।मिलावट के धंदे को रोकने देश के सभी नागरिकों ने आवाज उठानी चाहिए ऐसा आवाहन भी उन्होंने किया है।