मा.श्री.दयाशंकर तिवारी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं .!

पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष पूर्व महापौर नागपुर जिल्हा मा.श्री.दयाशंकर तिवारी भैया को जन्मदिन की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं .!
नागपुर (वि. प्र.) - आज ही के दिन मेरे भतिजे आयांश रिंकू गौर का 5 वा जन्मदिन है, ये लेख दयाभैया के जन्मदिन के उपलक्ष में मैं चंद्रपुर ज़िल्हे के सेंट्रेल जेल क्वॉटर से लिख रहा हु। मेरे पिताजी सेंट्रल जेल में हवलदार की पोस्ट पर थे, परंतु देशसेवा में रहते हुए ही उनका कर्क रोग से निधन होगया था और उनकी जगह मेरे बड़े भाई को देश सेवा के लिए मौका दिया गया और पिछले 7 वर्ष से मेरा बड़ा भाई रिंकू गौर चंद्रपुर में कार्यरत है।
"मा.श्री.दयाशंकर तिवारी भैया जन्मदिन विशेष, - अक्सर लोग कहते है कि, अगर आप राजनीति में अपना वजूद बनाना चाहते हो तो किसी भी दूसरे लीडर की तारीफ मत करों क्योंकी उससे हमारा Vote Bank कम होता है परंतु मैं यह मानता हु हमने इसी आदत के चलते देश के भविष्य के साथ खिलवाड किया है। 
 फिर मुझे यह सोचकर हसी आती है कर्म कर फलकी चिंता मतकर, कहनेवाले क्यों इसकी चिंता करते है? अपने मुंह से खुदकी तारीफ करने में व्यस्त रहे हम। काश एक बार औरों का भी मन टटोल लिए होते।
मेरे विचार से बड़ा वह है जो सही को सही और गलत को गलत कहे। दोस्तो किस मतलबी लोगों के बातों में आ गए हम जिसने कर्म किया उसे गुन्हेगार बना दिया। जिसने सिर्फ तस्वीर छपाई उसे हीरों बना दिया। मैं यह नही कहता कि, सिर्फ मा.दयाशंकर तिवारी भैया ने काम किया है। परंतु पूर्वजों को याद रख उनसे अच्छा कार्य करना गलत है, तो ऐसी गलती भविष्य मे आनेवाले सभी दयाशंकर (भैया को माननेवाले) ऐसा कार्य करे। झूठी वाह वाही से ऐसी बुराई कभी भी अच्छी।
जब कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति विशेष के लिए कुछ लिख दे तो लोग उसे चापलुसी या चमचेगिरी कहते है, क्योंकि ऐसा सोचनेवालों ने जिंदगी भर शायद ऐसा ही किया हो इसलिए सभी चापलूस और चमचों को ऐसा लगना स्वाभाविक है। फिर भी एक विचारक लेखक इस बारे में ज्यादा नही सोचता लेखक तो वो है जो पत्थर में आत्मा उत्पन्न करता है, गूंगे जानवर को जुबान दे देता है। 
लेखक - प्रा.राहुल जी. गौर
M.Com,M.ed,M.phil in Commerce from Nagpur university Maharashtra
CLTA in Ambedkar thoughts from Indra gandhi open university India.

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