मुल (नासीर खान) : मुल तहसिल का डोनी ग्राम घने जंगल के बिच बसा हुआ है, यह आदीवासियों की बस्ती कहलाती है,ईस डोणी ग्राम का संबध मुल शहर से आता है.घने जंगल के रास्ते हायवे पर आना पडता हैफिर मुल अथवा चंद्रपुर के लिए आना जाना बना रहता है.ईस डोणी ग्राम मे दो कुएं है. कडाके की गर्मी में जल समस्या यहां की आदीवासी महिलांओं के लिए अभिशाप बनी हुई है कुओं से आधी बालटी पानी भी नही आता फिर भी महिलाएं कुएं पर बनी रहती हैं.एक तरफ विकास पटरी पर दौड रहा है, आसमानों में उड रहा है चांद पर उतर रहा है लेकीन 15 आगस्ट 2019 को लाल किले के प्राचीर से हमारे प्रधान मंत्री नरेंद मोदी ने यह घोषणा की थी के 2024 तक "हर घर नल से जल" योजना. कौन पुछेगा ईन सत्ता के ठेकेदारों से और आज के अधिकार शाहों से के डोणी मे सरकार की हर घर नल से जल योजना पहुंचने और कितने वर्ष लगेंगे. क्या 15 आगष्ट 2024 को नये पंतप्रधान या फिर नरेंद्र मोदी ही लाल किले से ईसी घोषणा को सुधारकर घोषित करेंगे के हम 2029 तक "हर घर नल से जल" ईस आधी अधुरी जल योजना को पुरी तरह अमल मे ले आऐंगे.
मुल तहसिल के अनेको ग्रामिण ईलाको मे सरकार की जल योजनाएं असफल रही बुरी तरह फेल हो गयी है जिस से सर्वाधिक महिलाओं को ही परेशानी उठानी पड रही है.खर्च करोडों का हो गया, बिल भी चुकता हो गये होंगे, लेकीन समाप्त ना होने वाली जल समस्या ग्रामिण ईलाकों में अब भी बनी हुई है जिसे हल करना सरकार का काम है.जनता की नज़रो मे हालिया सरकार बुरी तरह गिर चुकी है.अब केंद्र की तरह राज्य सरकार से त्रस्त जनता को बेसबरी से विधानसभा चुनाव का ईंतेजार है.
दि. 15 आगष्ट 2 019 को लाल किले के प्राचिर से पंत प्रधान नरेंद्र मोदी ने घ़ोषणा की थी के " मआज लाल किले हे घोषणा करता हूं की आनेवाले दिनों में हम जल जिवण मिशन को और आगे बढाएंगे. केंद्र और राज्य संयुक्त रूप से ईस जल जिवण मिशन पर काम करेंगे. हमने आने वाले वर्षों में ईस मिशन पर 3.50 लाख करोड से अधिक खर्च करने का वादा किया है ".
हर घर को 55 लिटर स्वच्छ पानी मिले ईस उद्देश के तहत यह " हर घर नल से जल"योजना का लाभ पांच वर्षों में देश की ग्रामिण जनता को मिलना चाहिए था लेकीन पांच लिटर स्वच्छ जल भी ईस योजना के तहत नही मिल पा रहा है. ग्राम डोणी में तो यह जल योजना अब तक पहुंची ही नही. डोहणी की तरह ऐसे अनेकों ग्राम होंगे जहां अब तक यह जल योजना पहुंची ही नही होगी. ऐसे में जनता के बिच यह सवाल उभर रहा है की आखीर 3.50 लाख करोड कहां खर्च हुए?