मनपा की अवैध निर्माण पर नज़र .!

बल्लारपुर (का.प्र.) : चंद्रपुर महानगरपालिका द्वारा अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए जोनवार टीमें नियुक्त की गई हैं। प्रत्येक वार्ड में चल रहे अथवा शुरू होने वाले सभी अवैध निर्माण की जांच यह टीमें करेंगी। महानगरपालिका क्षेत्र में बिना अनुमति हो रहे निर्माण कार्यों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रशासन ने जोनवार स्वतंत्र निरीक्षण दलों का गठन किया है। ये टीमें अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित दौरे कर रही हैं और नए या चालू निर्माणों की जांच कर रही हैं। अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई के दौरान सबसे पहले संबंधित व्यक्ति को नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने के लिए एक निर्धारित समय सीमा दी जाती है। यदि इसके बाद भी अतिक्रमण या अवैध निर्माण नहीं हटाया गया, तो महानगरपालिका द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाती है।

निर्माण कार्य सिर्फ अनुमति लेकर ही करें .!

कोई भी निर्माण कार्य केवल आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ही करें। यदि अनुमति नहीं ली गई है, तो तुरंत ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन प्रस्तुत करें। साथ ही, वन क्षेत्र से सटे 100 मीटर के दायरे में, नजूल क्षेत्र और ब्लू लाइन क्षेत्र में कोई भी निर्माण कार्य न करने की अपील चंद्रपुर महानगरपालिका ने की है। कार्रवाई के दौरान यदि अतिक्रमणकर्ता द्वारा किसी प्रकार का दबाव बनाया गया या सरकारी कर्मचारी के कार्य में बाधा उत्पन्न की गई, तो संबंधित व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता की धारा 353 के अंतर्गत आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। साथ ही, कार्रवाई में होने वाला व्यय, जुर्माना और प्रशासनिक शुल्क संबंधित व्यक्ति से वसूल किया जाएगा।
बाढ़ से सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बाढ़ के संभावित खतरे को टालने के लिए बाढ़ रेखा (फ्लड लाइन) के भीतर किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जाना चाहिए। नदी किनारे बने निर्माण, अतिक्रमण और नदी के भीतर किए गए कंक्रीट कार्यों के कारण बाढ़ का स्तर लगातार बढ़ने का निरीक्षण किया गया है। हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका के अनुसार, न्यायालय ने बाढ़ रेखा के भीतर के अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए हैं। शहर में किसी एक अतिक्रमण को हटाने के लिए जब संबंधित अधिकारी कार्यवाही करते हैं, तो कई प्रकार से विरोध किया जाता है। इसी कारण शहर में अवैध निर्माण और अतिक्रमण की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। अवैध निर्माण या अतिक्रमण के खिलाफ प्राप्त होने वाली सभी शिकायतें – चाहे वे ऑनलाइन हों या कार्यालय में प्रत्यक्ष प्राप्त हुई हों – उनकी जांच कर त्वरित कार्यवाही करने तथा किसी भी प्रकार के दबाव को दरकिनार कर निष्पक्ष कार्य करने के निर्देश आयुक्त द्वारा दिए गए हैं।

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