रोजी से काम करनेवाले जिये या मरे यह प्रश्न इस महँगाई ने उत्पन्न किया है - समाजसेवक किशोर करतार
नागपुर (वि.प्र.) - दिनांक ६ अप्रैल २०२२ शाम ६ बजे मेयो हॉस्पिटल के सामने महर्षि नाथूबाबा चौक नागपुर यहाँ पर भोई समाज ने मा.किशोर करतार इनके नेतृत्व में महँगाई के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। भोई समाज आर्थिक दृष्टि से बहुत पीछडा है। समाज के अधिकांश लोग रु २०० रु ३०० रोजनदारी से काम करते है,ऐसे लोगों के पास रहने के लिए घर भी नही है। अधिकांश लोग किराय के घर में रहते है ऐसे में घर का किराया दे या पेट भरे या बच्चों को पढ़ायें यह गंभीर विषय निर्माण हो गया है।भारत में रहनेवाले ९० प्रतिशत लोग गरीब है,ऐसे में सिलेंडर के भाव रु 1,020,खाने के सोयाबिन तेल के भाव प्रतिडब्बा रु 2,600 फल्ली तेल रु 2,900,बच्चों के पढाई की किताब 25 प्रतिशत महंगी की गई,पेट्रोल के भाव रु 119 हो गये है,ऐसे मे जनता कैसे जिये। इस चिंता में घरका पालन पोषण करनेवाला कर्ता रात को सोता नही और दिन मे ज्यादा कैसे कमाऊ इस चिंता मे लिप्त रहता है,बहुत से गरीब परिवार अपना जीवन त्याग रहे है, इस ओर सरकार ने ध्यान देकर जल्द से जल्द महंगाई कम से कम 50 प्रतिशत कम करना चाहिए ऐसी मांग भोई समाज ने धरना प्रदर्शन कर की है। धरना आंदोलन को सफल बनाने में सौ.संगीता किशोर करतार,सौ.रजनी कैलाश गौर, सौ. प्रीति महेश गौर, सौ.नूतन सुरेश गौर, सौ.गुड़िया महेश गौर,सौ.सरोज नंदलाल गौर,श्रीमती सुंदर रेवाराम गौर, श्रीमती उमाबाई गौर,श्रीमती संतोबाई गौर, सर्वश्री.प्रा.राहुल जी गौर, राजेश पन्नालाल गौर, सीताराम शंकरलाल गौर, बंसीलाल गौर, पुंडलिकराव बावनकुड़े, मनीष महेशलाल बाथो,पवन नायक,इंद्रेश गौर, आकाश भीम गौर,संतोष गौर,तानु गौर,महेश गौर,कुंदन गौर, खेमचंद कटरे, महेंद्र गौर, आनंद गौर,नारायण ठाकुर,शुभम करतार, रोहित गौर, चिंदया गौर इत्यादियों ने अथक परिश्रम किया।