कुँवर विजय वर्मा साहब,पिक्चर बहुत अच्छी लगी,सुपर,👌..!

आप सभी के शुभाशीष से हमारी फ़िल्म 'दृष्टि, का यूट्यूब पर प्रसारण किया गया हैं .. फ़िल्म देख आपका आशीष जरूर दीजियेगा! आँखों की रोशनी के बिना जीवन निरर्थक हैं .. ऐसे में हमारे अपनो का साथ खासकर उस पिता का जिसने बिन माँ की बेटी का पालन पोषण कर .. अपनी आँखे उसे दान दी हो .. ऐसी ही चरितार्थ करती *'दृष्टि'* फ़िल्म की कहानी में हमने प्रस्तुत करने का प्रयास किया हैं! कृपया फ़िल्म अवश्य देखें! हमारी एक छोटी सी पहल!

घनश्याम सोनी - 

कुँवर साहब जय श्रीकृष्णा ..! आपके लीडरोल वाली "दृष्टि शॉर्ट फ़िल्म" मैने पूरी देखी,ये फ़िल्म मेरे अंतर्मन को छू गई,बहुत ही विशेष और एक जिम्मेदार  पिता के साथ साथ जिम्मेदार माँ का रोल आपने इस फ़िल्म में बखूबी निभाया,,समाज एवं परिवार को ये संदेश दिया कि एक पिता भी त्याग की मूर्ति होता है,औलाद की खातिर एक पिता अपना सबकुछ दांव पर लगा देता है,जिसके कारण उसकी औलाद अपना सुखी जीवन जी सके,मगर आज के परिवेश में,,आज के माहौल में औलाद अपने माता पिता द्वारा दी गई पूर्ण सुविधा का गलत इस्तेमाल करती है,अपनी मनमानी करती है,, जिसके कारण उस औलाद का भविष्य बदतर हो जाता है,, जब तक होश आता है तब तक सबकुछ खत्म होने की कगार पर औलाद खुदको पाती है,आजकल की सोसायटी में हर तरफ माहौल गलत है, लड़के लड़कियां अपने गांव - शहर से दूर बड़ी मेट्रो सिटी में जाकर अपनी पढ़ाई करते हैं,लेकिन उनका ज्यादातर रिजल्ट संतोषजनक नही होता,चाहे वो लड़का हो या लड़की,अंत मे परिणाम ज्यादातर यही आता है जिसको इस फ़िल्म में बखूबी दर्शाया गया है,इस फ़िल्म में बिन माँ की बच्ची के पिता के किरदार को निभाकर आपने किरदार को जीवंत कर दिया,फ़िल्म में अपने बेटी-जंवाई के एक्सीडेंट में बेटी की आंखे चली गई,पिता द्वारा बेटी के अंधकारमय जीवन में उजाला करने की खातिर बेटी के लिए अपनी दोनो आंखें दान कर दी,मतलब अपना जीवन ही बेटी को अर्पण कर दिया,इससे बड़ा त्याग दुनिया मे और क्या हो सकता है,इसी को त्याग की पटकाष्ठा कहा गया है,धन्य है ऐसा पिता जिसने अपनी पूरी जिंदगी ही बेटी को समर्पित कर दी और खुद ने इस संसार को अलविदा कह दिया,फ़िल्म में बहुत ही मार्मिक चित्रण किया गया है,शानदार डायरेक्शन और दिल को छू लेने वाले रोल ने मन को द्रवित कर दिया, किरदार यादगार बन गया,बहुत मार्मिक चित्रण किया,इस जबर्दस्त रोल ने आंखों में आंसू छलका दिए,दिल से आभार एवं धन्यवाद कुँवर विजय वर्मा साहब,पिक्चर बहुत अच्छी लगी,सुपर,👌

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