फिल्म निर्देशक प्रवीण कुमार मोहरे की 'शिरच्छेद प्रेमाचा, जल्द ही प्रदर्शित..!


नक्सली जीवन और कोरोना महामारी पर फिल्म निर्देशक प्रवीण कुमार मोहरे की 'शिरच्छेद प्रेमाचा, जल्द ही प्रदर्शित..!
मुंबई (चं.ए.ब्यूरो) - नक्सलवाद साम्यवादी क्रान्तिकारियों के उस आन्दोलन का अनौपचारिक नाम है, जो भारतीय कम्युनिस्ट आन्दोलन के फलस्वरूप उत्पन्न हुआ है। नक्सल शब्द की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल के छोटे से गाँव नक्सलबाड़ी से हुई है। जहाँ भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता चारू मजूमदार और कानू सान्याल ने 1967 मे सत्ता के विरुद्ध एक सशस्त्र आन्दोलन का आरम्भ किया था। मजूमदार चीन के कम्यूनिस्ट नेता माओत्से तुंग के बहुत बड़े प्रशंसकों में से एक थे और उनका मानना था कि, भारतीय श्रमिकों एवं किसानों की दुर्दशा के लिये सरकारी नीतियाँ उत्तरदायी है।
इतना ही नहीं, एक दिल दहला देने वाली घटना में, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के दौरान घर वापस आने का प्रयास करते हुए प्रवासी श्रमिकों के सामने आने वाले संकटों के प्रति संपूर्ण राष्ट्र को जगा दिया। मध्य प्रदेश में अपने घरों को वापस जाने के लिए औरंगाबाद से ट्रेन पकड़ने की उम्मीद में श्रमिक जालना से भुसावल जाने की कोशिश कर रहे थे। कोरोनोवायरस-लागू लॉकडाउन के कारण वे बेरोजगार हो गए थे और अपने मूल स्थानों पर जाने के लिए बेताब थे। लेकिन औरंगाबाद से करीब 30 कि.मी. पहले ही इनकी मौत हो गई।
ऐसी ही वास्तविक घटनाओं को उजागर करती श्री प्रवीण कुमार मोहरे, (मुंबई) लिखित,निर्मित एवं निर्देशित मराठी फिल्म 'शिरच्छेद प्रेमाचा, में घटनाओं को उजागर कर एक संदेश दिया है। श्री प्रवीण कुमार मोहरे से हुई बातचीत में उन्होंने हमे बताया कि,इन सारी परिस्थितियों से वे अवगत हो इस कहानी को लिख उसे चित्रित करने का संकल्प माना और आज उनकी और उनके फिल्म की संपूर्ण कास्ट एण्ड क्रू टीम की मेहनत रंग लाई। यह फिल्म जल्द ही संपूर्ण देश के आपके नजदीकी सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने जा रही है। उन्होंने जनता से अपील की है कि,वे इस फिल्म को जरूर देखे और अपना शुभाशीष दे।

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