आरपीएफ मध्य रेल ने अप्रैल-2023 से जून-2023 तक 408 बच्चों को बचाया .! पुणे मंडल ने सबसे ज्यादा यानी 138 बच्चों को बचाया .!
बल्लारपुर (का.प्र.) - रेलवे सुरक्षा बल को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह "ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते" के तहत बच्चों को बचाने की जिम्मेदारी भी निभा रहा है।
मध्य रेल के रेलवे सुरक्षा बलों ने गवर्नमेंट रेलवे पुलिस और अन्य फ्रंटलाइन रेलवे स्टाफ के सहयोग से मध्य रेल के रेलवे स्टेशनों और प्लेटफार्मों से अप्रैल 2023 से जून 2023 तक "ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते" के तहत 408 बच्चों को बचाया। इसमें 318 लड़के और 90 लड़कियां शामिल हैं और चाइल्डलाइन जैसे गैर सरकारी संगठनों की मदद से इन बच्चों को उनके माता-पिता से मिलाया गया।
जो बच्चे अपने परिवार को बिना बताए, किसी झगड़े या कुछ पारिवारिक मुद्दों के कारण या बेहतर जीवन या शहर की चकाचौंध आदि की तलाश में रेलवे स्टेशन पर आते हैं, उन्हें प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मी ढूंढते हैं। ये प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मी बच्चों से जुड़ते हैं, उनकी समस्याओं को समझते हैं और उन्हें अपने माता-पिता से दोबारा मिलने के लिए सलाह देते हैं। कई माता-पिता रेलवे की इस नेक सेवा के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता और खुशी व्यक्त करते हैं।
मध्य रेल पर अप्रैल-जून 2023 तक बचाए गए बच्चों का मंडल - वार विवरण इस प्रकार है -
मध्य रेल के मुंबई मंडल ने 92 बच्चों को बचाया, जिनमें 58 लड़के और 34 लड़कियां शामिल हैं, भुसावल मंडल ने 119 बच्चों को बचाया, जिनमें 94 लड़के और 25 लड़कियां शामिल हैं।
पुणे मंडल ने 138 बच्चों को बचाया, जिनमें सभी 138 लड़के शामिल हैं।
नागपुर मंडल ने 40 बच्चों को बचाया जिनमें 21 लड़के और 19 लड़कियां शामिल हैं।
सोलापुर मंडल ने 19 बच्चों को बचाया, जिनमें 7 लड़के और 12 लड़कियां शामिल हैं।
अजय दुबे (मेंबर) - राष्ट्रीय रेल उपभोक्ता सलाहकार परिषद रेल मंत्रालय नई दिल्ली बल्लारशाह