क्या बांधकाम विभाग ने कसम खा रखी हैं ब्रेकर ना बनाने की .?

मुल (वि.प्र.) : मुल उमा नदी के बाद गडचिरोली मार्ग पर आकापुर के मोड पर सुबह सवेरे एक लोडेड ट्रक पल्टी खा गया ट्रक डस्ट चुरी भर कर नागपुर से सावली जा रहा था. यह बात अछ्छी रही के सावली की ओर से कोई वाहन ईस मोड पर कोई दुपहिया चार छह दस पहिय्या वाहन नही था वरना हादसे मे दो चार की जान चली जाती .ईस मोड पर सावली से आते और मुल से जाने मे दोनो तरफ स्पिड ब्रेकर की मांग हर हादसे के बाद की जाती रही लेकीन संबधित बांधकाम विभाग के अधिकारीयों के कान पर जूं नही रेंगती. लगता है किसी बडे प्राण घातक हादसे का उन्हे ईंतेजा़र है. 
ईस मोड पर अनेको ट्रक तो छोटी बडी गाडीयां पलटी खा चुकी है और अनेकों बार लोहे की मजबुत बाड टुट चुकी है और अनेकों बार उसे बनाया गया है लेकीन दोनो तरफ डांबर गिट्टी के ब्रेकर नही बनाए गये अगर बनाए गये होते तो बार बार लोहे की बाड बनाने पर जनता का पैसा सरकारी तिजोरी से खर्च ना होता. 
कहा जाता है की बार बार लोहे की बाड बनाने में जो मलाई हाथ आती हैं वो एक बार का ब्रेकर बनाने के बाद हाथ नही आती समाप्त हो जाती है वो कहते है ना मुर्गी को मार कर अंडे हाथ नही आते वही स्थिती यहां दिखाई दे रही है लोहे की बाड कितनी बार ही क्यों न बनानी पडे सरकार का कितना ही खर्च क्यों ना करना पडे डांबर का अवरोधक नही बनाएंगे ऐसी प्रतिज्ञा अगर संबंधित अधिकारी ने की हो और सरका‌र का हाथ उस अधिकारी के पिछे हो तो बात अलग है ईसी के चलते जनता को पलटी हुई गाडीयां देखने को मिलते रहेंगी जनता का मनोरंजन भी होता रहेगा.

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