मुल कोर्ट ईमारत के तंग गलियारे मे अटर्नियों के कुर्सी टेबल .!

बार रूम, पिने का शुध्द जल मशिन तथा प्रसाधन गृह जाने वालों को करना पड रहा‌ है नयी व्यवस्था से परेशानी का सामना.!

मूल (नासीर खान) : बिंदीया माथे के बिच हो तो अच्छी लगती है, अन्य स्थान पर लगाई जाए तो उसके साथ अन्याय ही होगा. मुल के न्याय मंदीर की ईमारत में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है वकीलों के अटर्नी ईमारत के मेन गेट के अंदर दोनो साईड बैठते थे ,बिच में से कोर्ट काम से आने वाले वादी प्रतिवादीयों साक्षदारों तथा वकीलों के आने जाने के लिए जगह की कोई कमी नही थी.जहां 2 पंखे भी लगे हुए थे जो ग्रिष्मकाल में कोर्ट के ग्राहको के तथा अटर्नीयों के लिए सुविधाजनक थे.आज वह स्थान सुना सुना सा लग रहा है.
न्याय मंदीर की नई ईमारत बनने के बाद ईमारत के मुख्य गेट के अंदर अटर्नियों को बिठाया गया था अब वहां से हटा कर बार रुम , पिने के पानी की मशिन तथा प्रसाधन की ओर जाने वाले संकरे गलियारे में बिठा दिया गया है. अगर किसी को बार रूम में, मशीन पर पानी पिने, या प्रसाधन गृह में जाना है तो ईसी संकरे गलियारे से जाना होता है जहां अब अटर्नियों के कुर्सी टेबल लग गये हैं और ग्राहको की भिड भाड लगी रहती है, पहले ही संकरा गलियारा और अधिक संकरा हो गया है ऐसे में वकीलों को बार रूम‌ मे जाने आने मे दिक्कत हो रही है, लोग एक दुसरे से टकराते रहते है अगर कोई महीला किसी पुरूष से टकरा जाए तो पुरूष को कोई फर्क नही पडेगा लेकीन कोई पुरूष महीला से टकरा जाए और महिला के हाथ मे चप्पल या सैंडल आ जाए तो बहोत कुछ हो सकता हैं दो परिवार के लोग चंद मिन्टो मे कोर्ट की ईमारत में पहूंच सकते है वाद विवाद होकर कोर्ट परिसर में हंगामा खडा हो सकता है. मामले की रिपोर्ट पुलीस स्टेशन में दर्ज होकर ईसी कोर्ट में मामला चल सकता है. एफ आय आर में‌ घटना स्थल के आगे- मुल कोर्ट की ईमारत लिखा जा सकता है.
आज अटर्नियों को जिस गलियारे मे बिठाया गया है वहां दक्षिण की ओर से पानी की बौछारे आती है और सुरज के चमकने पर तेज़ धुप भी आती है. जनता के बिच पुछा जा रहा‌ है के कोर्ट की ईमारत बनने के बाद से जहां अटर्नियों के बैठने की व्यवस्था दी गयी थी उससे किसको तकलिफ हो रही है जनता की तो कोई शिकायत नही है. जब जनता की कोई शिकायत ही नही है तो फिर अटर्नियों तथा कोर्ट मे तारीख पेशी पर आने वालों के हित को ध्यान मे रखते हुए सुविधा जनक उसी पुरानी जगह पर अटर्नियों को बिठाया जाए जहां बरसात पाणी , धुप गर्मी, सर्द मौसम में बचाव होता हो. ऐसी मांग कोर्ट में आने जाने वाले ग्राहकों के बिच होने लगी‌ है.

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