बल्लारपुर (का.प्र.): शहर के सातनाला चौक क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से मांस विक्रेताओं ने अपनी दुकानें खोल रखी हैं। पहले एक दुकान थी, अब चार हो गई हैं। यहां मांस विक्रेताओं की दुकानों के पास आवारा कुत्तों का आतंक बना रहता है। इस मार्ग से आने-जाने वाले नागरिकों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि इन दुकानों को साप्ताहिक बाजार में स्थानांतरित किया जाए।
शहर के साप्ताहिक बाजार में विक्रेताओं के लिए जगह आरक्षित की गई है, लेकिन कुछ विक्रेता वहां बैठने के बजाय आबादी वाले क्षेत्रों में ही मांस बेच रहे हैं। नागरिकों की प्रतिक्रिया को देखते हुए अब यहां अन्य दुकानदार भी आने लगे हैं।
नवरात्रि के नौ दिनों में भक्त उपवास रखते हैं, जूते-चप्पल नहीं पहनते और पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल होता है। लेकिन अवैध मांस विक्रेताओं की दुकानों से मांस के टुकड़े सड़कों पर बिखरे रहते हैं, जो पैरों के नीचे आते हैं। दिनभर दुकानों से दुर्गंध आती रहती है। सभी अवैध मांस विक्रेताओं की दुकानों को नवरात्रि शुरू होने से पहले नगर प्रशासन और पुलिस प्रशासन को तुरंत हटाना चाहिए।
विक्रेताओं ने अपना जमावड़ा बना लिया है। स्वास्थ्य निरीक्षकों की अनदेखी के कारण मांस विक्रेताओं की संख्या बढ़ गई है। यदि इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो मांस-चिकन सेंटर तैयार हो सकता है। नागरिकों ने सवाल उठाया है कि इन दुकानों के सामने लोगों की भीड़ रहती है, जिससे यातायात में भी बाधा उत्पन्न होती है। साथ ही, महिलाओं को यहां से गुजरते समय परेशानीयों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, मांस की दुर्गंध के कारण स्थानीय निवासी भी परेशान हैं। मांस विक्रेता सड़क किनारे कोयला जलाकर वायु प्रदूषण फैला रहे हैं। कोयला जलने से आसपास की दुकानों में धुएं का गुबार फैलता है, जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। इस समस्या को देखते हुए नागरिकों ने मुख्याधिकारी विशाल वाघ से मांग की है कि इन दुकानों को साप्ताहिक बाजार में स्थानांतरित किया जाए।