वचनपूर्ति .. कौशल विकास और रोजगार सृजन .!

 

बांस अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र .!

चंद्रपुर जिले में कुछ समुदाय परंपरागत रूप से बांस से विभिन्न रोज़मर्रा की वस्तुएँ बनाने का काम करते हैं। महाराष्ट्र के चंद्रपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में बांस का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। लेकिन यह उद्योग कुछ समुदायों तक ही सीमित रह गया था, जिसे विस्तार देना और आधुनिक तकनीक से जोड़ना आवश्यक था। संरक्षक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने वन मंत्री के रूप में वन विभाग के अंतर्गत आने वाले महाराष्ट्र बांस विकास मंडल के माध्यम से चंद्रपुर के चिचपल्ली क्षेत्र में बांस अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत की। 5 जनवरी 2017 को टाटा ट्रस्ट के प्रमुख रतन टाटा पहली बार चंद्रपुर आए। टाटा ट्रस्ट की ओर से चिचपल्ली में एक विश्वस्तरीय इमारत का निर्माण किया जा रहा है। यह इमारत जापान और दुबई में बने बांस के भवनों जैसी होगी। इस अनुसंधान केंद्र में दो वर्षीय पाठ्यक्रम को मान्यता मिली है और महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों के छात्रों ने इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया है। यहां तैयार किए गए तिरंगे और अन्य उपहार वस्तुएँ महाराष्ट्र में लोकप्रिय हो गई हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यहां बने तिरंगे की प्रशंसा की है। चंद्रपुर जिले में एक स्थायी और बड़ा प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केंद्र स्थापित हो गया है। यह क्षेत्र भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़ा हुआ है और रोजगार एवं कौशल सृजन के लिए यह केंद्र प्रसिद्धि प्राप्त कर रहा है।

संरचना : गणेश रहिकवार (संपादक) चंडिका एक्सप्रेस

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