पंखों में पैदा की ताकत, आसमान को भी छू लिया — मिसेज इंडिया जेनेरेस की ऊँची उड़ान !
बल्लारपुर (का.प्र.) : मध्यमवर्गीय परिवार, पिता रेलवे में नौकरी करते थे – अगर कोई एक चीज़ थी जो साथ थी तो वो बस जिद्द। बाकी सब कुछ साधारण। लेकिन इसी जिद्द के सहारे भारत की प्रतिष्ठित प्रतियोगिता मिसेज इंडिया जेनेरेस में भाग लेकर ममता ने वो मुकाम हासिल किया, जो किसी सपने से कम नहीं।
आज से 18 साल पहले ममता की शादी एक साधारण परिवार में हुई। मिट्टी से लिपा-पुता घर ही उनकी स्थिति को बयां करता है। पिता रेलवे में नौकरी करते थे, पर वह केवल घर चलाने भर की थी। बचपन से ही जिद्दी स्वभाव की ममता की ख्वाहिश थी – एक दिन हवाई सुंदरी (एयर होस्टेस) बनना। मगर पढ़ाई के बीच ही पिता ने शादी कर दी और सपना अधूरा रह गया।
पर ममता ने ठान लिया था कि उनका जीवन केवल बच्चों और घर तक सीमित नहीं रहेगा। इसी जिद्द को अपने अंदर संजोकर उन्होंने ब्यूटी साइंस की ओर ध्यान केंद्रित किया और दुबई से अंतरराष्ट्रीय स्तर की डिग्री प्राप्त की। व्यवसाय में भी सफलता प्राप्त की और फिर मन में ठान लिया कि अब ‘मिसेज इंडिया जेनेरेस’ स्पर्धा में भाग लेना है।
कड़ी मेहनत, एकाग्रता और आत्मविश्वास के दम पर उन्होंने यह प्रतियोगिता न सिर्फ जीती, बल्कि पूरे भारत में “मिसेज इंडिया जेनेरेस” के रूप में पहचान भी बना ली।
उनके लिए यह क्षेत्र एकदम नया था, परिवार का कोई अनुभव नहीं था। मगर उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के दम पर राष्ट्रीय स्तर की इस स्पर्धा को जीतकर साबित कर दिया कि —
“पंखों में अगर ताकत हो, तो आकाश को भी गले लगाया जा सकता है।”
इतना ही नहीं, ममता ने ‘26 नवंबर’ नामक एक फिल्म में सायाजी शिंदे जैसे दिग्गज कलाकार के साथ नज़ूल सर्वेयर की भूमिका निभाई, जिसे खूब सराहा गया। यह फिल्म दक्षिण भारत में अच्छी हिट रही। उन्होंने दो-तीन फिल्मों में अभिनय भी किया है।
एक समय मिट्टी का घर लिपने वाली ममता आज अपने श्रम और मेहनत के बलबूते पर वहां पहुंची हैं, जहां घर के कामों के लिए एक स्टाफ है – कपड़े धोने से लेकर झाड़ू-पोंछा तक सब उनके लिए कोई और करता है।
उन्होंने यह भी सिद्ध कर दिया कि —
“नारी अबला नहीं होती, अगर ठान ले, तो पूरा संसार जीत सकती है।”
आज ममता प्रकाश नगराळे पूरे सम्मान के साथ समाज में एक प्रेरणास्रोत के रूप में जानी जाती हैं। उनके पास कोई खास मार्गदर्शन नहीं था, न ही पारिवारिक पृष्ठभूमि का सहारा, केवल पति का सहयोग और अपनी खुद की जिद्द ही उनका आधार थी।
आज वे टीवी सीरियल्स के ऑफर भी ठुकरा देती हैं क्योंकि उन्हें अभी भी फिल्मों में अभिनय करने की चाह है – और उस जिद्द को उन्होंने छोड़ा नहीं।
ऐसी प्रेरणादायक और सफल महिला – मिसेज इंडिया जेनेरेस ममता प्रकाश नगराळे का बल्लारपुर में पत्रकार राहुल गायकवाड के जन्मदिवस के अवसर पर पत्रकार रमेश निषाद, प्रशांत वैरागड़े, संजय घुगलोत और रामू मेदरवार ने शॉल और सम्मानचिन्ह भेंट कर सत्कार किया।
इस मौके पर ममता ने कहा —“अगर महिलाएं अपने सपनों को लेकर मन में ठान लें और समय आने पर दुनिया से टकराने की ताकत जुटा लें, तो उन्हें सफलता से कोई रोक नहीं सकता।”
आज उनके पति पेपर मिल में कार्यरत हैं, और ममता अपने दो बच्चों के साथ बल्लारपुर में ही रहती हैं। शहरवासियों के लिए वे आज एक गौरव हैं और महिलाओं के लिए सफलता की जीती-जागती मिसाल।