बल्लारपुर (का.प्र.) : महाराष्ट्र राज्य में ऐतिहासिक बहुमत के साथ महायुति (Mahayuti) सरकार का गठन हुआ। मुख्यमंत्री पद मिलने से विदर्भ में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन जैसे ही मंत्रिमंडल की घोषणा हुई, उसी विदर्भ में निराशा के बादल भी छा गए। राज्य का मंत्रिमंडल घोषित हो गया, लेकिन उसमें राज्य के भाजपा के अनुभवी, विद्वान और कल्पनाशील नेता सुधीर मुनगंटीवार को मंत्री पद से दूर रखा गया। इसके बावजूद सुधीर मुनगंटीवार ने सभी बातों को किनारे रखकर काम में जुट जाने का फैसला किया है। वह अपने क्षेत्र के दौरे, लोगों से संवाद, कामों की समीक्षा और विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी जैसी गतिविधियों में व्यस्त हो गए हैं, जो विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है।
सुधीर मुनगंटीवार को मंत्रिमंडल से बाहर रखने के पार्टी नेतृत्व के फैसले से उनके समर्थकों को गहरा धक्का लगा। कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजगी विभिन्न माध्यमों से व्यक्त की और पार्टी नेतृत्व से इस निर्णय को बदलने की अपील भी की। मुनगंटीवार के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर अभियान तक छेड़ दिया। उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर सीधे पूछा, "सुधीर मुनगंटीवार को मंत्रिमंडल में स्थान क्यों नहीं दिया गया?" किसी ने कविताओं के माध्यम से मुनगंटीवार के कार्यों की प्रशंसा कर उनकी महत्ता को पार्टी नेतृत्व तक पहुंचाने की कोशिश की।