पंद्रह दिनों में चंद्रपुर में आकर प्रदूषण की समस्याओं का हल निकालेंगे .!

आ. श्री. सुधीर मुनगंटीवार के सवालों पर पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे का बयान .. चंद्रपुर थर्मल पावर प्लांट के कारण बढ़ता प्रदूषण खतरनाक: आ. मुनगंटीवार ..!

बल्लारपुर (का.प्र .) : "जावे त्याच्या वंशा तेव्हा कळे" (जिसे होता है, वही समझ सकता है) इस शब्दों में चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन और वेकोली खदानों के कारण होने वाले प्रदूषण से प्रभावित जनता की भावनाओं को समझते हुए राज्य की पर्यावरण मंत्री श्रीमती पंकजा मुंडे ने इस संदर्भ में तत्काल एक विशेषज्ञ समिति गठित करने की घोषणा की है, जिसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा और इस पर निर्णय लिया जाएगा। राज्य के पूर्व वन, सांस्कृतिक कार्य और मत्स्य व्यवसाय मंत्री आ. श्री. सुधीर मुनगंटीवार ने इस विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि श्रीमती पंकजा मुंडे ने पंद्रह दिनों के भीतर चंद्रपुर में आकर इस समस्या का समाधान निकालने का वादा किया है।
चंद्रपुर महा-औष्णिक विद्युत प्रकल्प (थर्मल पावर प्लांट) और वेकोली द्वारा होने वाले प्रदूषण पर आ. सुधीर मुनगंटीवार ने मंगलवार को विधानसभा में आधे घंटे तक चर्चा की। इस विषय की गंभीरता को समझते हुए श्रीमती पंकजा मुंडे ने तज्ज्ञों और विधायकों की एक समिति गठित करने और स्वयं चंद्रपुर जाकर स्थिति का निरीक्षण कर बैठक करने का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर दंड राशि में वृद्धि की जाएगी और बैंक गारंटी की राशि भी बढ़ाई जाएगी।
इस क्षेत्र में हवा, पानी और ध्वनि प्रदूषण पर काम करने की और कई पर्यावरणीय उपायों को लागू करने की उम्मीद जताई गई। साथ ही, इस क्षेत्र के उद्योगों के सीएसआर फंड का इस्तेमाल करके पर्यावरण संतुलन बनाने की योजना भी बनाई जाएगी। श्रीमती पंकजा मुंडे ने कहा कि चंद्रपुर जिले में एक जागरूकता तंत्र स्थापित करने का भी विचार किया जा रहा है।
इस संदर्भ में चर्चा की शुरुआत करते हुए आ. सुधीर मुनगंटीवार ने इस प्रकल्प के अधिकारियों और शेकड़ों करोड़ रुपये के उद्योग स्थापित करने वाले उद्योगपतियों की लापरवाही पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस तरह से आम आदमी के जीवन के साथ खिलवाड़ करना एक अपराध है, और इस पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने विधानसभा में सबसे पहले चंद्रपुर थर्मल पावर प्लांट के प्रदूषण विभाग की मंजूरी को 31 मई 2024 तक रद्द करने की मांग की।
आ. सुधीर मुनगंटीवार ने यह भी कहा कि बिना नवीकरण के थर्मल पावर स्टेशन संचालित हो रहा है। इस प्रकल्प के कारण होने वाले प्रदूषण पर कार्रवाई करते हुए पर्यावरण विभाग ने केवल 15 लाख रुपये की बैंक गारंटी जप्त की थी। उन्होंने इस बैंक गारंटी को 5 करोड़ रुपये करने की मांग की। वेकोली द्वारा होने वाले प्रदूषण के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उसकी बैंक गारंटी भी 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये की जाए।
डब्लूसीएल क्षेत्र में बैंकरों द्वारा अधिक डेसिबल आवाज उत्पन्न करने के कारण ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है। साथ ही, पावर प्लांट के कोल हैंडलिंग प्लांट की दुरवस्था हो चुकी है, और उसका नवीनीकरण किया जाना चाहिए, यह भी आ. मुनगंटीवार ने कहा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस क्षेत्र के श्रमिकों और निवासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, और उनके लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाने चाहिए, साथ ही प्रकल्प के माध्यम से उनका इलाज और ऑपरेशन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके लिए एक समिति बनाई जानी चाहिए जो प्रदूषण की समस्याओं का समाधान निकाले। इसके अलावा, जागरूकता फैलाने के लिए डिस्प्ले बोर्ड लगाने की सलाह दी। प्रदूषण से संबंधित कानून और नियमों में बदलाव की भी उम्मीद आ. मुनगंटीवार ने व्यक्त की।

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