धोखाधड़ी कैसे हुई, इसकी जांच के लिए दस्तावेजों की छानबीन जारी; राज्य सरकार लूटे गए 21.44 करोड़ रुपये वसूल पाएगी क्या?
मुंबई (वि.प्र.) : ‘लाडली बहन’ योजना का लाभ 14,298 पुरुषों ने उठाया, यह एक बेहद चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इन ‘लाडले पुरुषों’ को दस महीनों तक 21.44 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया। यह जानकारी सरकारी सूत्रों ने दी है।
लाभार्थियों की जांच के दौरान यह घोटाला सामने आया। अगस्त 2024 में इस योजना के तहत लाभ देना शुरू हुआ था। लाभार्थियों की सूची में 14,298 पुरुष शामिल हो गए। इन्हें किसने शामिल किया, जांच किसने की और महिलाओं के लिए बनी योजना में पुरुषों ने सेंध कैसे लगाई — अब ऐसे सवाल खड़े हो गए हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में मौजूद डेटा की जांच के दौरान और भी गंभीर बातें सामने आई हैं। सरकार को ‘लाडली बहन’ योजना पर सालाना 42,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। यह योजना तत्कालीन एकनाथ शिंदे सरकार ने शुरू की थी। विधानसभा चुनाव में इस योजना का महायुति (सत्तारूढ़ गठबंधन) को बड़ा फायदा हुआ था। लेकिन इसके चलते राज्य सरकार की कई विकास योजनाओं पर असर पड़ा।
पुरुष होकर भी महिलाओं के नाम..!एक और चौंकाने वाली बात यह है कि ऐसे 2,36,014 लाभार्थी हैं, जिनके नामों को लेकर संदेह है कि वे पुरुष हैं लेकिन उन्होंने महिलाओं के नाम से लाभ लिया हो सकता है। इसकी छानबीन फिलहाल जारी है।जब यह सामने आया कि 14,298 पुरुषों ने योजना का लाभ लिया है, तो उनका प्रति माह मिलने वाला ₹1,500 मानधन बंद कर दिया गया है। अब सवाल उठ रहा है कि ये लोग पूर्णतः अपात्र होते हुए भी जो पैसे ले चुके हैं, क्या वह सरकार उनसे वापस लेगी?लाखों वृद्ध महिलाओं ने भी नियम तोड़े ..!65 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए, क्योंकि उन्हें राज्य सरकार की अन्य योजनाओं से आर्थिक लाभ पहले से ही दिया जाता है।इसके बावजूद, 65 वर्ष से अधिक उम्र की 2,87,803 वृद्ध महिलाओं ने भी इस योजना का लाभ उठाया। उन्हें दस महीनों तक ₹431.70 करोड़ रुपये बैंक खातों में भेजे गए।अब इन वृद्ध महिलाओं को लाभार्थियों की सूची से हटाया जाएगा, जिससे सरकार के सालाना ₹518 करोड़ रुपये बचेंगे।8 लाख परिवारों में 2 से अधिक महिलाओं ने लाभ लिया ..!एक परिवार में 2 से अधिक महिलाओं को योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा, ऐसा नियम है। इसके बावजूद, 7,97,751 मामलों में एक ही परिवार की 2 से अधिक महिलाओं ने लाभ लिया है।इन मामलों में महिलाओं को लाभार्थी सूची से बाहर करने का निर्णय अभी नहीं हुआ है, लेकिन अब तक उन्हें काफी राशि का भुगतान हो चुका है।