बल्लारपुर में भक्तिभाव के साथ हुआ श्री का विसर्जन ..!

बल्लारपुर (का.प्र.) : पिछले 10 दिनों से चल रहे गणेश उत्सव का समापन शनिवार (6 तारीख) को अनंत चतुर्दशी के दिन श्रद्धा और भक्तिभाव से किया गया। बल्लारपुरवासियों ने वर्धा नदी के घाट पर अपने लाडले बाप्पा को “गणपति बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” के जयघोष के साथ भावपूर्ण विदाई दी।
इस दौरान सार्वजनिक गणेश मंडलों की मूर्तियों का विसर्जन शोभायात्रा के साथ ढोल-ताशों की गूंज के साथ किया गया।
"बल्लारपुर में शांतिपूर्ण विसर्जन - जयघोषों के साथ गणपति बाप्पा को विदाई ..!"
विसर्जन के समय सातनल चौक का जय भारत आखाड़ा, किल्ला हनुमान आखाड़ा, बाल कृष्ण आखाड़ा, पाखडी हनुमान आखाड़ा और श्रीराम आखाड़ा द्वारा विविध झांकियां और शारीरिक प्रदर्शन (कवायती) प्रस्तुत किए गए, जिससे भक्तगण मंत्रमुग्ध हो गए। बस्ती व्यापारी मंडल की ओर से श्रद्धालुओं के लिए भोजन (महाप्रसाद) की व्यवस्था की गई थी।
विसर्जन वर्धा नदी के किनारे किया गया। नदी में पानी का स्तर अधिक होने के कारण पुलिस प्रशासन ने नगरपालिका प्रशासन के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत बनाई थी और किसी भी अनहोनी से बचने के लिए विशेष उपाय किए गए थे।
"पुलिस बल तैनात .!
विसर्जन के लिए नदी किनारे बड़ी संख्या में पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए थे। सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग के लिए नगर सुरक्षा दल और पुलिस मित्रों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।"
10 दिनों के पूजा सामग्री और निर्माल्य (फूल, पत्ते, आदि) से जल प्रदूषण न हो, इसके लिए नगर परिषद के ठोस कचरा प्रबंधन विभाग ने पूजन सामग्री एकत्र करने के लिए विशेष कुंड तैयार किए थे। शनिवार सुबह से ही शहर में गणेश मूर्तियों के विसर्जन की शुरुआत हो गई थी। पिछले कुछ वर्षों में घरों में गणपति स्थापना की संख्या बढ़ी है, जबकि सार्वजनिक मंडलों की संख्या कम हुई है। दोपहर तक घरगुती (घरेलू) गणेश मूर्तियों का विसर्जन पूरा हुआ, जिसके बाद सार्वजनिक मंडलों की बड़ी मूर्तियों का विसर्जन शुरू हुआ।
रात 12 बजे के बाद सभी वाद्य (बाजे) बंद कर दिए गए और मध्यरात्रि तक विधिवत गणेश विसर्जन संपन्न हुआ। भक्तों ने पुलिस और नगरपालिका प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था के लिए आभार व्यक्त किया।

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