बल्लारपुर की रेल भूमि पर अतिक्रमण हटाओ अभियान रुका .!

पालकमंत्री श्री सुधीरभाऊ मुनगंटीवार के प्रयासों से चंद्रपुर बल्लारपुर की रेल भूमि पर अतिक्रमण हटाओ अभियान रुका .. सुधीरभाऊ की रेलमंत्री से सीधी बात .. पहले संयुक्त सर्वे और बैठक फिर अभियान : जिलाधिकारी विनय गौड़ा 
परीक्षाओं एवं त्योहारों के चलते पुलिस बल देना असंभव : एसपी रविंद्र सिंह परदेसी
बल्लारपुर (का. प्र.) - रेल प्रशासन नागपुर ने जिला पुलिस अधीक्षक को 20 फरवरी को लिखे पत्र में 27 व 28 फरवरी को बल्लारशाह शांतिनगर के 74 तथा 1 व 2 मार्च को चंद्रपुर जलनगर के 323 रेल भूमि पर अतिक्रमित मकानों को हटाने हेतु पुलिस बल मांगा था.साथ ही स्पीकर से मुनादी भी करवाई थी.जिससे भयभीत नागरिकों के पालकमंत्री श्री सुधीरभाऊ मुनगंटीवार से गुहार लगाने पर उन्होंने 24 फरवरी को नियोजन भवन चंद्रपुर में बैठक कर रेल अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी.तथा रेल मंत्री श्री अश्विनि वैष्णव से बात कर एकतरफा कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की.रेलमंत्री ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर यथोचित निर्देश दिए.जिसके तहत आज 25 फरवरी को जिलाधिकारी चंद्रपुर श्री विनय गौड़ा की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक हुई.जिसमे पुलिस अधीक्षक रविन्द्र सिंह परदेसी,एसडीओ बल्लारपुर डॉ.दीप्ति सूर्यवंशी,तहसीलदार स्नेहल रहाटे,एसडीपीओ राजुरा राजा पवार,मंत्री महोदय के प्रतिनिधि NRUCC मेंबर रेल मंत्रालय अजय दुबे, चंद्रपुर महानगर भाजपा अध्यक्ष डॉ. मंगेश गुलवाड़े,सीनी.डीईएन रेलवे पद्मनाभ झा, एडीईन बल्लारशाह सुबोध कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर कृष्णानंद रॉय आदि प्रमुख रुप से उपस्थित थे.
बैठक में जिलाधिकारी ने रेलवे को निर्देश दिया कि कोई भी अतिक्रमण हटाने के पूर्व जमीन का संयुक्त सर्वे तथा राज्य सरकार के स्थानिक अधिकारियों से बैठक करें.उन्होंने यह भी कहा कि इतनी बड़ी कार्रवाई के पूर्व जिला प्रशासन को विश्वास में क्यों नहीं लिया गया.और मा.सुप्रीम कोर्ट के जिस आदेश का जिक्र बार बार रेल प्रशासन कर रहा है वो प्रत्यक्ष तौर पर यहां लागू होता नही दिख पड़ रहा है.एसपी रविंद्र सिंह परदेसी ने कहा कि रेल प्रशासन ने चंद्रपुर बल्लारशाह के करीब 400 मकानों को हटाने के लिए पुलिस विभाग से चर्चा तक नहीं की.होली महाशिवरात्रि आदि महत्वपूर्ण त्योहारों तथा आगामी परीक्षाओं के मद्देनजर पुलिस प्रशासन अत्यंत व्यस्त हैं ऐसे में अतिक्रमण हटाने हेतु पुलिस बल उपलब्ध करवाना संभव नहीं है.बैठक के अंत में यह तय हुआ कि फिलहाल संयुक्त रुप से जमीन की मोजमाप एवं बैठक होने तक रेल जमीन पर अतिक्रमण नहीं हटेगा.

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