सुरजागड के लोडेड ट्रक : सुशी वासियों की रातों की निंद हराम .!
मुल (नासिर खान) : किसी भी आंदोलन के चेतावनी भरा निवेदन देने के बाद शासन प्रशासन द्वारा उसे गंभीरता से नही लिया जाता है और आंदोलन कर्ताओंके लिए आंदोलन मजबुरी बन जाता हैं ऐसा ही एक आंदोलन मुल तालुका के अंतर्गत आने वाले ग्राम सुशी दाबगांव में अपनाया गया जिस कारण पुरा यातायात ठप्प हो गया.मौके पर मुल थाना प्रभारी सुमित परतेकी दलबल के साथ पंहुचे थे तथा नायब तहसिलदार कुमरे भी पहुंचे जहां आदोलन कर्ता उलगुलान संगठन के कार्यकर्ताओं से चर्चा कर आंदलकों द्वारा दिए गये निवेदन को स्विकारा गया और एक दिवसीय आंदोलन समाप्त कर यातायात पुर्ववत किया गया.
सुरजागड प्रकल्प से लोह खनिज से भरे भारी भरकम ट्रकों का ग्राम के मध्य से जा रही सडक से जारी यातायात शाला के छात्र छात्रांओ,आश्रम शाला, तथा ग्रामिणो के लिए खतरे से कम नही हैं वही उडने वाली धुल, गाडीयों से निकलने वाला डिज़ल का धुवां जिस कारण बढता प्रदुषन सेहत के लिए हानीकारक अनेको प्रकार की बिमारीयों को जन्म देने वाला साबीत हो रहा है साथ लोडेड ट्रको का रात दिन गांव के बिच से चलना रातो की निंद नदारद होना, ट्रको नियमित आवाज़ से शालेय छात्रों की पढा़ई पर परिणाम होना, ऐसे मे आंदोलन का बडे पैमाने पर होना तय है जिसके लिए आंदोलको के बिच आंदोलन को तिव्र करने पर बैठक मे विचार विमर्श किया जा रहा है जिसे देख लग रहा है की अगला आंदोलन संघर्षपुर्ण और निर्णयात्मक होगा.
आंदोलनकर्ताओं द्वारा नायब तहसिलदार कुमरे को थाना प्रभारी सुमित परतेकी के समक्ष निवेदन दिया गया उस समय आंदोलन कर्ताओं के साथ उलगुलान संगठन के संस्थापक तथा अध्यक्ष राजु झोडे, सामाजिक कार्यकर्ता विनोद शेंडे, शयाम झिलपे,दुर्वास घोंगडे, रूपेश कोठारे, मंगेश कपाट, रूपेश निमसारक, कविश्वर कपाट आदी कार्यकर्ता भारी संख्या में उपस्थित थे.