महावितरण अधिकारी की अरे तुरे की भाषा से गर्माया माहौल .!

 

काटी गयी लाईन शुरू ना की होती तो फायर ब्रिगेड के सायरन की आवाज़ों से गुंजता शहर .!

मुल ( नासिर खान) : महावितरण अधिकारीयों के खिलाफ विद्युत ग्राहकों का आक्रोश दिन ब दिन बढता ही जा रहा है. विद्युत बिलों को देख कर माथे पर बल पडने लगे है और लोगों का गुस्सा खुलकर सामने आने लगा है .जब 150 से 200 लोगों का हुजुम महावितरण कार्यालय पहुंचता है तब अधिकारीयों को एहसास होता है के जनता के साथ अरे तुरे से पेश आने पर क्या होता है. जनता का सामना करने के लिए पुलिस को बुलाया जाता है. जनता के सामने पुलीस भी क्या करने वाली है आखीर पुलीस जनता की सेवक है.आनाप शनाप बिल भुगतान न करने पर काटी गयी लाईन शुरु करने के आदेश उसी अधिकारी ने दिए जिसने ग्राहक से अरे तुरे की भाषा कर लाईन काटने की हिमाकत की थी.अगर लाईन शुरू करने के आदेश नही दिए जाते तो शहर में गुंजती फायर ब्रिगेड सायरन की आवाज़े ऐसा प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है.
महावितरण के अधिकारी चौरसीया आजकल विद्युत ग्राहकों के साथ दादागिरी के साथ पेश आने लगे हैं. 37740 /- रू.का बिल एक छोटे से कोल्ड्रींक सेंटर का जो नागपुर रोड पर वृषभ कोल्ड्रींक नाम से स्थित है जैसे वह कोल्ड्रींक सेंटर नही राईस मिल हो.जब महावितरण अधिकारी चौरसिया दल बल के साथ लाईन काटने पहुंचे तब होटल चालक डेविड खोब्रागडे ने कहा के साहब मेरे कोलड्रींक सेंटर मे ऐसा क्या चल रहा है जो ईतना बिल आया है तब चौरसिया ने अरे तुरे की भाषा का ईस्तेमाल किया और कहा के अभी के अभी बिल भरो नही तो लाईन तो कटना ही है.ईस पर कोल्ड्रींक संचालक डेविड ने आधा बिल भरने की तय्यारी भी दर्शायी ईस पर भी वह अधिकारी लाईन काटने की ज़िद पर अडा रहा..तमाशाईय्यों की भिड कोल्ड्रींक के सामने बढती गयी, अधिकारी होकर अरे तुरे दादागिरी की भाषा को देख कर जनता भी इस महावितरण अधिकारी की दादागिरी का विरोध करने लगी. जनता का बढता रोष देख लाईन काटने के आदेश देकर अधिकारी फोर विलर में बैठकर चलते बने.
कर्मचारीयों द्वारा लाईन काट दी गयी, पुरा मजमा महावितरण कार्यालय पहुंचा और वहां पर उक्त चौरसिया नामक अधिकारी का उतारा अपनी भाषा मे उतारने लगे और हंगामा जोर पकडता गया जिसे देख रास्ते चलते लोग भी महावितरण पर रोष जताने लगे बढते रोष और गाली ग्लौच को देख बिना बिल भुगतान के लाईन जोडने के आदेश उक्त अधिकारी ने दिए तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ.यदी कटी हुई लाईन जोडने की अकलमंदी उस अधिकारी ने दिखाई नही होती तो फायर ब्रिगेड की गाडीयों के सायरनो की आवाज़ हर मार्ग से गुंजने लगती.
अनाप शनाप बिल और सेटींग मिटर के माध्यम से जनता की लुट अब जनता के बर्दाश्त के बाहर होती जा रही है. महावितरण को अब हर कही जनता के रोष का सामना करना पडेगा क्योंके हर गली मोहल्ले हर घर से महावितरण के खिलाफ रोष व्यक्त किया जाने लगा है.आने वाले दिनो मे जनता का रोष दिन ब दिन बढने के आसार बने हुए है क्यो के घर पर रहते हुए भी लाक बताकर अपनाप शनाप बिल भेजने और शिकायत पर पहले बिल भरने वरना लाईन काटने की धमकी से जनता परेशान है वर्षों से एक ही जगह बने रहने से अधिकारीयों की मनमानी अधिक बढ जाती है, कहा जाता है के मुल महावितरण आने के‌ लिए अधिकारी की पहली पसंद होती हैं क्योंके मुल राईस मिलों का शहर है,यहां जो भी अधिकारी आया है वह मालामाल होकर ही गया हैं.कहा यह भी जाता है मूल आने के लिए हर कोई अधिकारी ईच्छुक रहता है मुंह मांगी न्यौछावरी भी देने को तय्यार रहता है यह भी एक जांच का विषय है.

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