बल्लारपुर (का.प्र.) : मूल निवासी जेष्ठ पत्रकार श्री अशरफ मिस्त्री की आयु 75 वर्ष की होने के साथ साथ वे बीपी, शुगर जैसी बीमारी के चलते आर्थोराइट्स बीमारी से भी वे काफी समय से ग्रस्त है।
साथ ही वे विगत 40 वर्षों से विभिन्न अखबारों में समाचार लिखते आ रहे है।
इसी की कड़ी में उन्होंने मूल निवासी व्यापारी जीवन कोंतमवार के अवैध धंधों के खिलाफ एक न्यूज प्रकाशित करते ही कि, मूल मे सोमनाथ रोड पर स्थित ग्रीन बेल्ट के खेत को नगर परिषद मूल के तत्कालीन प्रशासक के जरिये येलो बेल्ट में फेरफार करवा लेने का प्रकरण और 7/12 के रेकॉर्ड में उस खेत को निवासी जगह दिखलाने का प्रकरण, उसी तरह से इस खेत मे से महावितरण के बिजली के तार बीसियों खंबों से आगे गये थे, उन तारो को महावितरण मूल के अधिकारियों से सांठगांठ कर वहाँ से निकलवा दिये जाने का प्रकरण, बता दे कि, जबकी बिजली के तारों को हटवाने करीब 25 से 30 लाख रुपयों का डिमांड खेत मालिक को भरना अनिवार्य होता है! अब इस खेत मे सिर्फ बिजली के लोहे के खंबे ही खडे है न्यूज़ प्रकाशित होते ही इस शख्स ने मूल पोलिस स्टेशन में दिनांक 15 अक्टूबर 2024 को जाकर अशरफ मिस्त्री के खिलाफ रीपोर्ट दर्ज की कि, उन्होंने इस संगीन मामले को रफा दफा करने के लिए दिनांक 11 अक्टूबर 2024 को कोंतमवार से 10 ( दस ) लाख या 10 % प्रतिशत की फिरौती मांगी है।
फिरौती की रक्कम न देने पर अशरफ मिस्त्री द्वारा कोंतमवार और उसके परिवार को दाऊद इब्राहिम और रोमेश शर्मा के जरिये बम से उडा देने की धमकी दी है।
बता दे कि, कुछ वर्षों पहले अशरफ मिस्त्री ने अखबार में लेख प्रकाशित कर दिल्ली पुलिस के जरिये दाऊद इब्राहिम के गिरोह एवं रोमेश शर्मा आदि को गिरफ्तार करवाया था। फिर भला इनके जरिए क्या वाकई में कोंतमवार और उसके परिवार को बम से उड़ाने की इतनी खतरनाक धमकी अशरफ मिस्त्री ने दी थी? यदि धमकी दी भी थी तो इतने बडे गंभीर मामले में विगत 11 अक्टूबर 2024 को ही मूल पुलिस स्टेशन में अशरफ मिस्त्री के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाने और खुदकी सुरक्षा मांगने यह शख्स क्यों नही गया। पूरे पाँच दिन बितने के बाद दिनांक 15 अक्टूबर 2024 को ही क्यों रिपोर्ट देने गया? यह बात अपने आप में प्रश्नांकित है।
15 अक्टूबर 2024 को कोंतमवार ने अशरफ मिस्त्री के खिलाफ रिपोर्ट देने के बाद फिर उसने 16 अक्टूबर 2024 को अशरफ मिस्त्री को फोन क्यों लगाया? अशरफ मिस्त्री के फोन न उठाने पर इस शख़्स ने सारी फर्जी रिपोर्ट अशरफ मिस्त्री के खिलाफ साजिशों के तहत मूल पुलिस को दी। जिसकी बुनियाद पर मूल के पुलिस प्रशासन ने भी अशरफ मिस्त्री के खिलाफ गुनाह दर्ज कर उन्हें फरार करार दे दिया।
इतना ही नहीं इस शख़्स ने अशरफ मिस्त्री के खिलाफ एक ऑडियो रिकॉर्डिंग यूट्यूब, पोर्टल, समाचार अखबारों में प्रकाशित किया कि, अशरफ मिस्त्री पुलिस के डर से मूल से फरार हो चुके है। ऐसी घिनौनी असभ्य हरकत से क्या समझा जाए। आखिरकार यह शख्स चाहता क्या है ?और अशरफ मिस्त्री ने इस शख्स के खिलाफ न्यूज छापी तो उन्होंने न्यूज छापने से पहले फिरौती क्यों नहीं मांगी? आदि अनेक अनचाहे प्रश्नों ने मूल की जनता में प्रश्न निर्माण कर दिए है।
बता दे कि विगत कुछ दिनों पहले इस शख्स के खिलाफ सारे सबूतों के साथ अशरफ मिस्त्री ने चंद्रपुर के पुलिस अधीक्षक से खुदके ऊपर लगे उन तमाम गुनाहों की जांच कर उन्हें आरोप मुक्त किए जाने और जीवन कोंतमवार को उसके किए की सजा दी जाए ताकि जनता भी जान जाए कि आखिर सच क्या है की अर्जी दी है। अशरफ मिस्त्री द्वारा पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत की प्रति अशरफ मिस्त्री ने ना.देवेंद्र फड़नविस (गृहमंत्री, म.शा.) एवं ना.सुधीर मुनगंटीवार (पालकमंत्री, म.शा.) को अग्रेषित की है। ऐसी जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा श्री अशरफ मिस्त्री ने हमे दी है।