महाकुंभ के आयोजन में रेलवे की रही अग्रणी भूमिका .!

तीर्थयात्रियों ने 14 हजार से ज्यादा ट्रेनों का लिया लाभ - अजय दुबे

बल्लारपुर (का.प्र.) : रेलवे द्वारा 3.6  करोड़ श्रद्धालुओं को कुंभ एरिया में हैंडल किया गया .. 92% ट्रेनें मेल, एक्सप्रेस, सुपर-फास्ट, पैसेंजर और मेमू श्रेणी की रहीं, जबकि 472 राजधानी और 282 वंदे भारत ट्रेनें संचालित हुईं। 50% ट्रेनें उत्तर प्रदेश से शुरू हो के प्रयागराज एरिया को आयी। दिल्ली से 11%, बिहार से 10% और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान व गुजरात जैसे अन्य राज्यों से 3-6% ट्रेनें आईं  
नई दिल्लीः आस्था के महासागर प्रयाग तीर्थ के संगम तट पर चल रहे महाकुंभ के विराट आयोजन में ऐसे तो तमाम विभागों और एजेंसियों ने अपनी-अपनी भूमिकाओं का निर्वाह किया, लेकिन इसमें रेलवे की भूमिका नि:संदेह अग्रणी रही है। इस विशाल आयोजन में रेलवे ने जिस तरह पूरे देश भर से तीर्थयात्रियों को प्रयाग की पुण्यभूमि तक पहुंचने में मदद की, वह न सिर्फ अभूतपूर्व है, बल्कि रेल संचालन की दृष्टि से कई मामलों में अनोखा रिकार्ड भी बना है। 
महाकुंभ अब समापन की ओर है । एक अनुमान के मुताबिक करीब डेढ़ माह के इस आयोजन में 12 से 15 करोड़ तीर्थयात्रियों ने ट्रेन यात्रा का लाभ किसी न किसी रूप में उठाया। दूसरे शब्दों में महाकुंभ के लिए जाने वाले करीब एक चौथाई तीर्थयात्रियों ने प्रयागराज या आसपास के प्रमुख शहरों तक पहुंचने के लिए ट्रेनों की ही मदद ली। 
इस बार प्रयागराज के महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के संकल्प को पूरा करने में रेलवे ने आगे बढ़कर भूमिका निभाई। यह बताने की जरूरत नहीं कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले अपने देश में रेलवे पर कितना दवाब है। ऐसे में महाकुंभ के आयोजन से बहुत पहले से ही रेलवे अपनी कार्ययोजना को मूर्त रूप देने में जुट गया था।  इसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्रियों की अनुमानित संख्या के हिसाब से ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई गई। साथ ही महाकुंभ के दौरान भीड़ बढ़ने की स्थिति में आपात योजना भी बनाई गई। आम दिनों में ट्रेनों में रहने वाली भीड़ के मद्देनजर रेलवे ने इसके लिए विशेष उपायों को अपनाया। इसके तहत किसी एक रूट, ट्रेन या बड़े स्टेशन पर दवाब को हटाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए। तीर्थयात्रियों की संख्या और मांग के अनुरूप एक के बाद एक विशेष ट्रेनें चलाई गईं।
यह आंकड़ा थोड़ा विस्मित भी करता है कि महाकुंभ की शुरुआत से लेकर अब तक 13,667 ट्रेनें तीर्थयात्रियों को लेकर प्रयागराज और उसके अन्य स्टेशनों तक पहुंचीं। इनमें 3,468 विशेष ट्रेनों की शुरुआत कुंभ एरिया से की गई तथा  2008 विशेष ट्रेनों कुंभ एरिया में बाहर से आयी। बाक़ी  8,211 नियमित ट्रेनें थीं। शहर में प्रयागराज समेत कुल नौ स्टेशन हैं, जहां ट्रेनों का आवागमन हुआ। अकेले प्रयागराज स्टेशन पर ही पांच हजार ट्रेनें का लाभ श्रद्धालुओं को मिला।

मध्य रेल के खिलाड़ियों ने 38वें राष्ट्रीय खेल-2025 में कुल 26 पदक जीते जिसमें 5 स्वर्ण, 11 रजत और 10 कांस्य पदक जीतकर किया कीर्तिमान स्थापित .!

बल्लारपुर : मध्य रेल के खिलाड़ियों ने उत्तराखंड के देहरादून में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल-2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 स्वर्ण, 11 रजत और 10 कांस्य पदक सहित कुल 26 पदक जीते।
28 जनवरी से 14 फरवरी-2025 तक उत्तराखंड के देहरादून में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल-2025 में मध्य रेल के कुल 30 खिलाड़ियों ने भाग लिया।
मध्य रेल के प्रतिभागियों ने इंडिविजुअल और टीम स्पर्धाओं में 5 स्वर्ण, 11 रजत और 10 कांस्य पदक जीते।

इंडिविजुअल स्पर्धाएँ 
स्वर्ण पदक: 
अंकिता ध्यानी ने एथलेटिक्स में 3 पदक जीते - महिलाओं की 3000 मीटर दौड़ में स्वर्ण, महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण और महिलाओं की 10000 मीटर दौड़ में रजत।

तेजस सिरसे ने पुरुषों की 110 मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक जीत के साथ एक नया राष्ट्रीय खेल रिकॉर्ड बनाया और वर्तमान राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक बन गए।

• वंशिता वर्मा ने महिला भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक जीता।

रजत पदक:
• महिलाओं एथलेटिक्स 10000 मीटर दौड़ में अंकिता ध्यानी
• एथलेटिक्स-पुरुषों की 100 मीटर दौड़ में प्रणव गुरव
• महिला भारोत्तोलन में साक्षी सिंघारे
• पुरुष भारोत्तोलन में मुकुंद अहीर
• पुरुष भारोत्तोलन में संकेत सरगर
• महिला प्लेटफॉर्म डाइविंग में ईशा वाघमोड़े
• महिला 50 मीटर फ्री स्टाइल तैराकी और 4x100 फ्री स्टाइल रिले तैराकी में अवंतिका चव्हाण

कांस्य पदक:
• पुरुष बैडमिंटन में कुशल धर्ममेर
• हाई बोर्ड डाइविंग में ओम अवस्थी और
• महिला स्प्रिंग बोर्ड डाइविंग में ईशा वाघमोड़े। 

टीम स्पर्धाएँ
स्वर्ण पदक
• पुरुष खो-खो में रामजी कश्यप

रजत पदक
• पुरुष वॉलीबॉल में मुथु एलाकिया
• पुरुष वाटर पोलो में उदय उत्ताकर और रुतुराज बिडकर

कांस्य पदक
• महिला वॉलीबॉल में कविता
• महिला कबड्डी में रेखा सावंत
• पुरुष वाटर पोलो में आदर्श, जीतू एसपी, रोहित वी एस, अप्पू एन एस और अमल।

विजेता खिलाड़ियों में से 16 मुंबई डिवीजन से, 4 पुणे डिवीजन से और 2 सोलापुर डिवीजन से हैं।

38वें राष्ट्रीय खेल-2025 में देश भर से 10,000 से अधिक खिलाड़ियों ने 35 खेल स्पर्धाओं में विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हुए भाग लिया।

मध्य रेल के महाप्रबंधक श्री धर्म वीर मीना ने मध्य रेल के खिलाड़ियों को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी और भविष्य की प्रतियोगिताओं में और भी बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया।

मध्य रेल के खिलाड़ियों के अद्भुत प्रदर्शन ने पूरे रेल परिवार को गौरवान्वित किया है, जो रेलवे के एथलीटों की अविश्वसनीय प्रतिभा और खेल कौशल को दर्शाता है।

मध्य रेल अपने खिलाड़ियों को सक्रिय रूप से सर्वोत्तम सुविधाएँ प्रदान कर रही है, और खिलाड़ियों की सफलता का श्रेय मध्य रेल खेल संघ (सीआरएसए) को जाता है, जो नवोदित खिलाड़ियों की भर्ती, प्रचार, कोचिंग एवं प्रोत्साहन देने और उन्हें अपने सपनों को हासिल करने तथा रेलवे और देश के लिए सम्मान लाने में मदद करने के लिए समर्पित एक निकाय है।

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