लड़ाई आसान नहीं जानते है हम,
पर तरकश में तीर रखते सारे है हम,
जब निकले है कारवां लेकर,तो मंज़िल तक भी पहुंच ही जाएंगे हम,
एक नया उगता सूरज है हम, निषादवंश की पताका लहराएंगे हम,
जम्मू से लेकर हिन्द तक , पश्चिम से लेकर पूर्व तक ,हर जगह छा जाएंगे हम,
समाज के हित सर्वोपरी बच्चे बच्चे तक में जनजागृति लाएंगे हम,
जय निषादराज , जय निषादराज, जय भोई राज , जय कहार,बस ध्येय एक ही हो सेवा करे अपने समाज की हम ,
सेवा करे अपने पूरे समाज की हम ....
जागे और जगाए हम ,
बंधुत्व भाव से ओत पोत सर्वश्रेष्ठ कार्य बंधुभावनिहित निभाए हम ,
हम सब एक है निषाद भोई केवट कहार का नारा लगाए हम,
मत भेदभाव रख मन में अब कोई , निषाद केवट कहार हो या हो भोई,
आवो सब दिल से गले मिल जाए हम, अपने सब हक्क मिलवाए हम ,
संघर्षों से न घबराएं हम चलो दो दो हाथ परिस्थिति से कर ही आए हम,
समान आरक्षण हमारा नारा है जब सारा देश हमारा है ,
क्यों पिछड़े रह जाए हम , संविधान ने जब हमको हक्क दिए तो क्यों अंधकार में भटके और हम,
आवो मिलकर नया इतिहास रचाए हम,
आनेवाली पीढी का भविष्य उज्वल कर जाए हम ,
सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक समता लाए हम ,
हम सबका बस एक ही ध्येय, हम जलवनशी मछुवारा को मिले न्याय,
हाथ से हाथ मिलाए हम,
आवो मिलकर नया इतिहास रचाए हम.....
