मानवता ही सच्चा धर्म है ..!

बल्लारपुर (का.प्र.) - उपेक्षित और अंतिम छोर पर स्थित समाज की सेवा ईश्वर सेवा हैं। ईश्वर हमारे भीतर ही हैं। शिक्षा और प्रबोधन से समाज को जागृत कर हम भगवान का साक्षात्कार पा  सकते हैं। कीर्तन प्रबोधन से समाज में आमुलाग्र बदलाव होता हैं, आदि मौलिक विचार गाडगे बाबा के रहें। कीर्तन प्रबोधन से समाज को बदला जा सकता हैं, "कर्मयोगी गाडगे बाबा" इसकी एक मिसाल हैं। बल्लारपुर के हज़ारों लोगों ने खुद इसका चरितार्थ किया। अवसर था, बुद्ध पूर्णिमा समारोह समिति पेपर मिल बल्लारपुर द्वारा आयोजित महानाट्य का। 
"तथागत भगवान गौतम बुद्ध" की जयंती पर बीपीएम कला मन्दिर में बनाए गए विशाल रंगमंच पर "कर्मयोगी गाडगे बाबा महानाट्य" का मंचन हुआ। कृति थिएटर एण्ड स्पोर्ट्स अकादमी नागपुर के 50 कलाकारो की टीम ने इस अवसर पर गाडगे बाबा की जीवनी के विभिन्न महत्त्वपूर्ण प्रसंगों पर प्रकाश डाला। गाडगे बाबा जिस किसी गांव में जाते पहले वहां के सारे परिसर में झाडू लगाकर  स्वच्छता का सन्देश देते, "गोपाला=गोपाला देवकी नंदन गोपाला" भजन से प्रबोधन आरम्भ होता। बच्चो और महिलाओ को शिक्षित करें, बीमार हो तो अस्पताल में इलाज कराए, अंध विश्वास के चक्कर में ना पड़े, नशे की लत में अपने घर परिवार को नष्ट ना करें, जिव्हा की शौक के लिए पशु हत्या ना करें, महिलाओं के आत्मसम्मान को ठेस ना पहुंचाए आदि मौलिक उपदेश भीं कीर्तन के माध्यम से गाडगे बाबा जानता को दिया करते थें। महानाट्य के दौरान स्थानीय नागरिकों को भी इन सभी प्रसंग का दर्शन हुआ।


विश्वरत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर तथा भीं गाडगे बाबा के कीर्तन रूपी जनजागृती से ना सिर्फ़ प्रभावित थे, बल्कि समाज कल्याण के अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों पर उनसे राय भीं लिया करते। इन पहलुओं को भीं यहां पर विशेष रुप से दर्शाया गया। जिससे हजारों की संख्या में आए नागरिक महानाट्य के अन्तिम प्रसंग तक अपनी जगह पर ही जमे रहे। गाडगे बाबा के देहावन के मार्मिक प्रसंग की प्रस्तुती ने सबकी आंखें नम कर दी।
समिति के महिला सदस्यों द्वारा विधिवत् बुद्ध वन्दना से समारोह की शुरुवात हुईं। जिसके बाद आकोला के प्रसिद्ध इतिहासकार महेंद्र शेगावकार ने हमारी सामाजिक और आर्थिक उन्नति में बुद्ध कालीन संस्कृति, महापुरुषों की विचारधारा आदि  महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला। विशेष बात यह यह रहीं कि, इस महानाट्य के प्रयोग को देखने के लिए मानोरा ग्राम केसौ से अधिक विद्यार्थी भीं उपस्थित थे। बल्लारपुर के भीम शक्ति ब्रिगेड तथा सह्याद्रि ढ़ोल ताशा पथक के सदस्यों ने समारोह में आए हजारों नागरिकों को निशुल्क में फ्रूट सलाद और मिठाई का वितरण किया।


उनके इस अनुकरणीय उपक्रम के लिए समिति ने मान्यवरों के हस्ते उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर प्रोत्साहित किया। वरिष्ठ वैद्यकिय अधीक्षक डॉक्टर विजय कलस्कर, बीजीपीपीएल के कार्मिक महा प्रबंधक प्रवीण संकेर प्रमुख्ता से उपस्थित थे। समिति के वरिष्ठ सदस्य सर्वश्री गौतम देशकर और पुरशोतमजी को सेवानिवृत्ति पर गौरांवित किया गया। समारोह के सफलतार्थ समिति के सभी सदस्यों ने अथक परिश्रम किया। रीतेश बोरकर ने प्रस्ताविक में समिति की भूमिका रखी, समारोह का सूत्रसंचालन श्रीनिवास मासे ने किया,  एडवोकेट पवन मेश्राम ने आभार माना।

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