चंद्रपुर (वि. प्र.) : 10 अगस्त 2025 को वीरांगना फूलन देवी जी का जन्मोत्सव और गुणवंत विद्यार्थियों का सत्कार स्वर्गीय जतिराम बर्वे सभागृह एकलव्य लड़कों के वास्तीगृह ,चंद्रपुर जिल्हा भोई समाज सेवा संघ चंद्रपुर और चंद्रपुर अष्टभुजा निषाद साथी संघटन द्वारा आयोजित कार्यक्रम के अध्यक्ष मा. कृष्णा जी नागपुरे, उद्घाटक मा.यशवंतराव दिघोरे , प्रमुख अतिथि शालुताई कोल्हे, प्रमुख मार्गदर्शक मां.अविनाश पोईनकर, माजी न्यायधीश चंद्रलाल मेश्राम, प्रो. योगेश्वर दूधपचारे, मा.रमेश नागपुरे, मा.श्रीहरी शेंडे, मा.देवराव पिंपाडकर, सौ रंजनातई पारशिवे, मा.मोरेश्वर खेडेकर साहेब व अन्य जिल्हा कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे और साथ ही चंद्रपुर अष्टभुजा निषाद साथी संघटन की अध्यक्ष सौ. आशा शिवलोचन निषाद, किशनलाल केवट, ज्वालाप्रसाद बाथो, गुलाब केवट, विजय केवट, जगजीत निषाद, जगदीश केवट, पीतांबर कश्यप, रेखा कश्यप, व विद्यार्थी और विद्यार्थी पालक अभिभावक उपस्थित थे। सभी आदरणीय मंच ने मिलकर हमारे सभी महानायकों और वीरांगना फूलन देवी जी की फोटो पर पुष्पहार पहनाकर कार्यक्रम की शुरूआत की। माननीय कृष्णा जी नागपुरे गुरुजी की अध्यक्षता में 10वी , 12वी, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, साथ ही मच्छीमार सोसाइटी का भी पुरस्कार देकर प्रोत्साहन दिया गया, इस बीच विद्यार्थियों और अभिभावक गण के समक्ष स्व वीरांगना फूलन देवी जी के जीवन के उतार चढ़ाव पर प्रकाश आशा निषाद जी ने डाला और क्यों हमे अपने महानायक, महानायिकाओं का जन्मदिन या पुण्यतिथि मनाना चाहिए इस बात पर विचार करने को आज की जरूरत बताया , क्यों हमे अपना गौरवशाली इतिहास बार बार याद करना चाहिए और आगे भविष्य की ओर अग्रसर होना चाहिए,
" गरज उठी बीहड़ों में वह बंदूक पुरानी थी ,नाम था उसका फूलन देवी वह चंबल की महरानी थी,
निषाद वंश में जन्मी जालौन गुढ़ा का पूर्वा की वह कहानी थी,
साहस, शौर्य, संघर्ष की मिसाल वह अत्याचार्मर्दनी थी।
हम मछुवारों मूलनिवासियों का मान बढ़ाया
इतिहास के पन्नों में अपना नाम अमर कराया " आशा शिवलोचन निषाद ने उदघोष वाक्य बोले वहीं
सूत्र संचालन सौ अर्चनाताई नागपुरे जी ने किया और इस प्रकार बच्चों को सत्कार के साथ उन्हें वीरांगना फूलन देवी जी से धैर्य साहस शौर्य संघर्ष की गाथा से मनोबल बढ़ाया गया।