बल्लारपुर (का.प्र.) : नगर परिषद के आगामी चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल पूरी तरह से गर्मा चुका है। हाल ही में घोषित आरक्षण सूची ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के समीकरणों में हलचल मचा दी है। ओबीसी, एससी और महिला आरक्षित सीटों के निर्धारण के बाद अब हर दल अपने-अपने उम्मीदवारों की रणनीति तय करने में जुट गया है।
सूत्रों के अनुसार, नगराध्यक्ष पद ओबीसी महिला प्रवर्ग के लिए आरक्षित किया गया है, जिससे अब विभिन्न दलों में इस वर्ग की महिला नेताओं की सक्रियता बढ़ गई है। भाजपा, कांग्रेस, शिवसेना (शिंदे गट), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और बसपा सहित सभी प्रमुख दलों में टिकट की दावेदारी को लेकर अंदरखाने बैठकों का दौर जारी है।
स्थानीय स्तर पर नेताओं के बीच अब यह चर्चा का मुख्य विषय बन चुका है कि आरक्षण की इस नई स्थिति में कौन सा दल अपनी स्थिति मजबूत कर पाएगा। कई वार्डों में आरक्षण बदलने से पूर्व निर्धारित उम्मीदवारों की संभावनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने अपने वार्ड प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जनता के बीच सक्रिय रहें और संगठन को मजबूत बनाएं। वहीं, नवोदित दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी मैदान में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है।
नागरिकों का कहना है कि इस बार चुनाव में स्थानीय मुद्दे जैसे — पेयजल, सड़क, स्वच्छता, स्ट्रीट लाइट्स, मूलभूत समस्याएं और श्वान समस्या — प्रमुख रहेंगे। वहीं, आरक्षण के कारण पहली बार चुनावी मैदान में उतरने वाली महिला उम्मीदवारों से भी जनता को नई उम्मीदें हैं।
बल्लारपुर में अब माहौल पूरी तरह से राजनीतिक रंग में रंग चुका है। आने वाले दिनों में प्रत्याशियों की घोषणा और प्रचार अभियान के साथ यह गर्माहट और बढ़ने की संभावना है।
